20-03-69
ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन
"सात
बातें छोड़ो और सात बातें धारण करो"
सभी किस स्मृति में बैठे हैं?
किस देश में बैठे हैं । व्यक्त देश में हैं वा
अव्यक्त देश में? अव्यक्त को व्यक्त
में लाया है वा तुम अव्यक्त हुए हो । अभी की मुलाकात कहाँ कर
रहे हो? अव्यक्त को व्यक्त देश में
निमन्त्रण दिया था । तो अव्यक्त बापदादा व्यक्त देश में
अव्यक्त रूप से मुलाकात कर रहे हैं । अव्यक्त रूप को व्यक्त
में लाने के लिए कितना समय चाहिए? (अभी
तैयारी है, पुरुषार्थ चल रहा है) कितने
समय की आवश्यकता है? सम्पूर्ण स्थिति
को इस साकार रूप में लाने लिए कितना समय चाहिए?
दर्पण में देख तो सकते हो ना?
सम्पूर्ण स्थिति का चित्र साकार में देखा है?
साकार तन जो था वह सम्पूर्ण कर्मातीत स्थिति
नहीं थी । उसकी भेंट में बताओ । उन जैसा तो बनना ही है । गुणों
को ही धारण करना है । तो उनके अन्तिम स्थिति और अपने वर्तमान
स्थिति में कितना फर्क समझते हो? उसके
लिए कितना समय चाहिए । साकार का सबूत तो इन आँखों से देखा ।
उनके हर गुण हर कर्म को अपने कर्म और वाणी से भेंट करो तो
मालूम पड़ जायेगा । अभी समय के हिसाब से 25 भी बहुत हैं । समय
पुरुषार्थ का बहुत कम है । इसलिए जैसे याद का चार्ट रखते हो,
साथ-साथ अब यह भी चार्ट रखना चाहिए । साकार जो
कर्म कर रहे थे, जो स्थिति,
जो स्मृति थी उन सभी से भेंट करनी है । अच्छा
- आज कुमारियों का इम्तहान लेते हैं । सभी जो पुरुषार्थ कर रहे
हैं उसमें मुख्य सात बातें धारण करनी है और सात बातें छोड़नी है
। वह कौन सी? (हरेक कुमारी ने
अपना-अपना सुनाया) छोड़ने का तो सभी को सुनाते हो । 5 विकार और
उनके साथ छठा है आलस्य और सांतवा है भय । यह भय का भी बड़ा
विकार है । शक्तियों का मुख्य गुण ही है निर्भय । इसलिए भय को
भी छोड़ना है । अच्छा अब धारण क्या करना है?
अपने स्वरूप को जानना,
तो स्वरूप, स्वधर्म,
स्वदेश, सुकर्म,
स्व- लक्ष्य,
स्व-लक्षण और स्वदर्शन चक्रधारी बनना । यह 7 बातें धारण करनी
है । इनको धारण करने से क्या बनेंगे?
शीतला देवी । काली नहीं बनना है । अभी शीतला देवी बनना है ।
काली बनना है विकारों के ऊपर । असुरों के सामने काली बनना है ।
लेकिन अपने ब्राह्मण कुल में शीतला बनना है ।
अच्छा
!